हम चल रहे हैं बार - बार समुद्र तटों की ढलान पर सुबह से सूर्यास्त तक. दूरी में पुनरुद्धार बढ़ेगा बगीचे में हँसी होगी लिली फूल जाएगी मेंढकों की आँखों के नीचे. सूरज अंतिम छलांग डालेगा वैकल्पिक पुल के सामने थोड़ी सी लिपस्टिक बादलों के चुम्बन को साफ करो. हम एक दूसरे को देखेंगे रास्पबेरी कौलिस के नीचे एक मुस्कान आंखों का नीला रंग प्रस्थान का आयोजन करेगा अंतिम दिन की हल्की सुबह में. शेखी बघारने से चेहरा फट गया पेड़ से पेड़ पर कूदो तलाशने दादी का मेपल सिरप. नदियों को छुट्टी का पानी बुझा मैनहोल कवर के माध्यम से वापस बहेगा भावनाओं में शामिल हुए बिना. अपने आवेगों को मॉडरेट करें चलो जगह साफ छोड़ दें विरासत के लिए सभी गतिविधियों की समाप्ति. चंद सेकंड काफी हैं हमेशा के लिए जीने के लिए चलते रहना आत्मा के ठंडे बादल के नीचे. जीवन कभी नहीं रुकता कोई मृत्यु शाश्वत नहीं है कागज विभाजन के दूसरी तरफ हमारे जीवन में दूसरे जीवन का लक्ष्य. 645