टाइम्स ऑफ इंडिया

मैं आप के लिए इंतजार कर रहा हुँ
सड़क के साथ
आसमान नीचा था
हवा थी.        
 
मैंने तुम्हें देखा था
मैंने तुम्हें देखा था
तुम आए
तुम तो गए.       
 
अंधेरे में
लौ खींचती है
चटकने की महक
मौन का स्वाद कैसा होता है.        
 
कड़ी मुस्कान
खुले होंठ
एक कर्कश आवाज
आग पर जंगल के नीचे.        
 
आत्मा स्क्रीन
क्रेप फटा हुआ है
दूरी में एक अंडरग्रोथ
एक तारा टिमटिमाता है.        
 
Pile face aux arbres    
Un serment en pleurs   
Pour tes yeux qui se ferment    
Nos mains qui se joignent.        
 
खून जमीन से उगता है
यहाँ से थोड़ी दूरी पर
ऊपर से ऊर्जा
चढ़ाई जारी रखें.        
 
छिपे हुए आकाश के आकर्षण में
अच्छी बारिश में खुद को साफ करें
और खुद से कहो कि वह रहता है
थोड़ा प्राप्त करने के लिए.        
 
रात बीताना
चार युगों ने खारिज कर दिया
हम सींगों में चढ़ेंगे
छोटे शोर की तलाश करें.        
 
सब तैयार
धारा को सुनें
घाटी में
जहां हिरण पीते हैं.        
 
Et si descente s'en suit    
Forces neuves déployées    
Soyons Présences invisibles    
Veillant sur le cheminement.        
 
 
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