बिना किसी समायोजन के

बिना किसी समायोजन के
कचरे का बिंदु
बस बारिश की छड़ी
उल्टा करने के लिए
दुनिया से उसका रिश्ता.      

छेद अपने अंधेरे में जा सकता है
सांसें हरियाली को शांत करती हैं
एक अनछुए रूप का
रोना बिल्कुल सही
उभरे हुए दिल से.       

दीवार
जीवन के सार का
मन की महारत से
सभी दृष्टि को समझें
भोज की आड़ में.      

 
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