मेरे घर

मकानों    
पिछवाड़े    
शहर    
गाँव rajnagar.        
 
मकानों    
कंक्रीट ब्लॉक्स    
ईंटों का    
लकड़ी का.         
     
मकानों    
बचपन से    
छुट्टी    
डी'किशोरावस्था    
आज.        
 
सभी पहाड़ियों पर    
मन के बादलों को    
और मैं चुप रहा    
सड़क के साथ    
मेरे खिलौने दूर रख दो    
एक आखिरी बार.        
 
बहुत सारे द्वीप के गोले    
लाह बॉक्स पंक्तिबद्ध    
दराज कैप्सूल से भरा था    
खिलौना कारें लिनो पर चला रही थीं.        
 
कोमल क्षण थे    
अकेलेपन का    
बहन के साथ दो    
घर के सामने    
कबूतरों का खाना    
और ऐसा मत करो वो मत करो माँ.        
 
फैरंडोल गुलाब    
खुश चीनी प्रिंट    
धुंध से लदी    
खड्ड और पेड़    
प्रकाश के लिए    
बेदखली की रोशनी    
नीचे और प्लास्टर की रोशनी    
बिंदवीड की तरह कर्लिंग    
autour de la barrière des limites.        
 
एक सांस ने लेखन का पीछा किया    
जंगल के किनारे पर एक फीका फावड़ा    
आस्थगित आदमी में प्रवेश देखा    
आभार आ सकता है    
अदृश्य के द्वार के सामने आश्चर्य में.            
 
 
 
 
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