मुझमें अपने आप में खुलापन
दूसरे के लिए खोलें
दूसरों के लिए खुला.
आँख घुमाना
गोले मुक्त मुद्दे को दर्शाते हैं
जानवर की आँखों से.
बचपन से
हम दिखावे के चौराहे पर थे
विरोध का समर्थन.
पूरा और खुला लिखना
शिखर से उपदेश मंच तक
ढलान पर वापस जाने के लिए.
और फिर दिन शुद्ध सार था
और फूल खिल गए
टकसालों की ढोल की आवाज़.
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